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हम रामदेव को हिंदुत्व का पुरोधा मान बैठे थे,
जबकि वे भगवा वस्त्र और हिंदू योग के माध्यम से निजी महत्वकांक्षाओं की पूर्ति में लगे हुए हैं.
रामदेव ने हालांकि कल दलितों को दिए जाने वाले आरक्षण के दायरे में “दलित मुस्लिम” और “दलित ईसाईयों” को शामिल किये जाने की बात कही है.
लेकिन किसी भी प्रकार जातिगत और धार्मिक आरक्षण की बात करना ही सबसे बड़ा अधर्म और पाप है. रामदेव अब काले धन के नाम पर लोगों हिंदुओं की भावनाओं से खेल रहे हैं. काला धन आने से देश का कायापलट हो जाएगा. भुखमरी, बेरोजगारी, गरीबी समाप्त हो जायेगी, ये महज एक ख्याली पुलाव है.
बाबा ने जबसे काले धन का मुद्दा उठाया है. काला धन जमा करवाने लोग बाबा से ज्यादा सक्रिय हो गए हैं. और 90 प्रतिशत काला धन अब तक सफ़ेद हो चूका है, और जब तक कि बाबा की बात सरकार मानेगी तब तक केवल २ प्रतिशत ही काला धन बचेगा, जिसको बाबा वापस मंगाकर राष्ट्रपुरूष का खिताब पाने में कामयाब हो जायेंगे.
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